Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Sep 2016 · 1 min read

पास जो पैसे नहीं तो, कौन किसका यार

एक अपदान्त गीतिका
……………………………
जब यहाँ पे झूठ का ही, है महज बाजार,
कर नहीं देते मेरा तुम, क्यों नहीं संहार।

धन अगर जो पास है फिर, झूठ भी है सत्य,
पास जो पैसे नहीं तो, कौन किसका यार।

नारियों को देवियाँ ही, कह रहे कुछ देव,
किन्तु करते जा रहे हैं, रोज अत्याचार।

हक हमारा मारकर वे, कर रहे हैं राज,
राज के मद में दिखे कब, आंसुओं की धार।

धर्म के भी नाम पर तो, हो रहे हैं कत्ल,
कौन कहता है दया ही, है धरम का सार।

आजकल तो है खुदा भी, मौन क्यों ‘आकाश’,
सत्य का भी साथ देकर, हो रही है हार।

– आकाश महेशपुरी

472 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खुदकुशी नाहीं, इंकलाब करअ
खुदकुशी नाहीं, इंकलाब करअ
Shekhar Chandra Mitra
हज़ारों साल
हज़ारों साल
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
चाय-समौसा (हास्य)
चाय-समौसा (हास्य)
दुष्यन्त 'बाबा'
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Prakash Chandra
दादी की वह बोरसी
दादी की वह बोरसी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
सफलता
सफलता
Paras Nath Jha
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
मैं अपने दिल की रानी हूँ
मैं अपने दिल की रानी हूँ
Dr Archana Gupta
हममें आ जायेंगी बंदिशे
हममें आ जायेंगी बंदिशे
Pratibha Pandey
तुम होते हो नाराज़ तो,अब यह नहीं करेंगे
तुम होते हो नाराज़ तो,अब यह नहीं करेंगे
gurudeenverma198
काफी लोगो ने मेरे पढ़ने की तेहरिन को लेकर सवाल पूंछा
काफी लोगो ने मेरे पढ़ने की तेहरिन को लेकर सवाल पूंछा
पूर्वार्थ
आप लाख प्रयास कर लें। अपने प्रति किसी के ह्रदय में बलात् प्र
आप लाख प्रयास कर लें। अपने प्रति किसी के ह्रदय में बलात् प्र
ख़ान इशरत परवेज़
निहारा
निहारा
Dr. Mulla Adam Ali
पुरूषो से निवेदन
पुरूषो से निवेदन
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
उलझते रिश्तो को सुलझाना मुश्किल हो गया है
उलझते रिश्तो को सुलझाना मुश्किल हो गया है
Harminder Kaur
सबका भला कहां करती हैं ये बारिशें
सबका भला कहां करती हैं ये बारिशें
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
3063.*पूर्णिका*
3063.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
करुणामयि हृदय तुम्हारा।
करुणामयि हृदय तुम्हारा।
Buddha Prakash
तुम हज़ार बातें कह लो, मैं बुरा न मानूंगा,
तुम हज़ार बातें कह लो, मैं बुरा न मानूंगा,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
" नयन अभिराम आये हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
नारी शक्ति..................
नारी शक्ति..................
Surya Barman
"जुदा"
Dr. Kishan tandon kranti
स्वदेशी के नाम पर
स्वदेशी के नाम पर
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
' मौन इक सँवाद '
' मौन इक सँवाद '
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
इस दौर में सुनना ही गुनाह है सरकार।
इस दौर में सुनना ही गुनाह है सरकार।
Dr. ADITYA BHARTI
■ इकलखोरों के लिए अनमोल उपहार
■ इकलखोरों के लिए अनमोल उपहार "अकेलापन।"
*Author प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
कवि रमेशराज
इसमें कोई दो राय नहीं है
इसमें कोई दो राय नहीं है
Dr fauzia Naseem shad
साझ
साझ
Bodhisatva kastooriya
कौन जाने आखिरी दिन ,चुप भरे हों या मुखर【हिंदी गजल/गीतिका 】
कौन जाने आखिरी दिन ,चुप भरे हों या मुखर【हिंदी गजल/गीतिका 】
Ravi Prakash
Loading...