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14 May 2023 · 1 min read

एकलव्य

एकलव्य

एकलव्य की धनुर्विद्या देख गुरु द्रोण डर गए,
और गुरु पद से नीचे उतर गए।

अर्जुन को सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर स्थापित करने के लिए,
मांग़ ली गुरुदक्षिणा बिना शिक्षा दिए।

किस तरह गुरु द्रोण मर्यादा लांघते हैं,
एकलव्य से दाएँ हाथ का अंगूठा माँगते हैं।

सिलसिला अन्याय का हर दौर में रहा है,
त्याग एकलव्यों का फिर भी अनकहा है।

बहुत हैं ऐसे किस्से जहां एकलव्य कहीं ना रहे,
लेकिन द्रोण, अन्याय कर भी गुरुद्रोण हो गए।

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