ऋतुराज बसंत
ऋतुराज बसंत
ऋतुराज संग जब आती है ये हरियाली,
फिर से सजती है पेड़ों की हर डाली,
नई उमंग आती है, बसंत के आ जाने से,
कोयल भी कुहु~कुहु करती डाली~डाली।
बसंत पंचमी बसंत का पहला त्यौहार है,
महाशिवरात्रि में महाकाल जी का प्यार है,
होली करे हमारे सभी विपत्ति का विनाश,
मधुमास संग अपने लाई उमंग की ब्यार है।
-©♪अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी”
जिला- अनूपपुर हृदय प्रदेश