उसे मलाल न हो
नामुमकिन है
ऐसा सवाल न हो ।
खोकर मुझको
उसे मलाल न हो ।।
मुख्तलिफ लोग
साथ रह लेंगे ।
दरमियां सोच
का बवाल न हो।।
भीग जाएगा
अश्क़ से दामन
मेरे हाथों में
गर रूमाल न हो ।।
ज़िंदगी पर
यकीन आ जाता
मौत का जो
हमें ख़्याल न हो ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद