उसकी बातें
ओ प्यारी सी शैतान लड़की
उठ जा अब तक सोई है
तुम्हें पता भी है तुमने क्या किया मिस कर दिया
तुमने सारी रात बातें की है जैसे कोई बच्चा.
पहली दफे मेला देखकर आया हो
और फिर वह सारी बातें बता रहा हो एक साँस में बिना रुके बिना थके
और मैं… मैं तो बस तुम्हारा चेहरा देख रहा था बिना रुके बिना पलके झपकाए
कैसे कह देता की सो जाओ रात काफ़ी हों गई है
और देखो तुमने क्या – क्या मिस कर दिया है
देखो सारी रात बारिश हुई है
पेड़ों के पत्तों पर गिरते पानी का शोर
जैसे कि तेरे पैरों की पायल बज रही हो
टहनियों और फूलों की खुशबू से झरता हुआ पानी
जैसे कि तुमने अपनी भीगी जुल्फों को खुला छोड़ दिया हो और वो झूल रहे हो कमल के पत्तों पर..
हर फूल, पत्ती, कली, टहनी, भीग कर इस कदर झुके हैं,
जैसे कि कल रात आसमां से मदिरा बरसी हो
या तुम्हें देख कर कोई हैरत में हो, सदमे में हो या बेसुध होने वाला हो
आओ देखो सारी चीजें एकदम धूली धुलाई हैं
तरोताजा जैसे कि तुम अलसा के उठते हो
और फिर मुंह धुल के जाते झांकते हो बालकनी से
सूरज भी कुछ ऐसे ही झांक रहा है,
हवा में अभी भी बारिश की नमी है
फूलों और मिट्टी की खुशबू है
सुबह में बोलने वाले पंछियों के गीत हैं
जैसे कि तुम चले हो किसी पगडंडी पर
हवा में अपनी खुशबू बिखेरते हुए
रास्ते पर पैरों के निशान हैं
और हरी हरी घास में पायल के स्वर उलझे हो
आओ देखो कुछ पंछी मुंडेर पर बैठे
बारिश के थम जाने का इंतजार कर रहे हैं
जैसे कि वह चाय की प्याली तुम्हारे अधरों की प्रतीक्षा में हो
कि कब सुबह हो और वह तुम्हारे होठों से लगे
या नुक्कड़ पर बैठे कुछ लड़के इस उम्मीद में
कि किसी शाम तुम बाजार के लिए घर से निकलो
और उनका दिन बन जाए
देखो आसमान से बादल अभी भी छटने का नाम नहीं ले रहे हैं
और सुबह आने को रास्ता बना रही हो
जैसे कि तुमने अपना चेहरा छिपा रखा है ताकिए पीछे
और मैं तेरा सर चूमते हुए तुम्हें जगाने की फिराक में हूं
देखो सुहानी सुबह अलसाते हुए आ गई है
अब तुम भी उठ जाओ.. इससे पहले कि मैं तुम्हारे कान, नाक, गाल सब खींचने लगूँ