उसकी आंखों के काजल को चुरा लाया
उसकी आंखों के काजल को चुरा लाया हूं
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—- 2 -मुक्तक
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सितारों से कहा मैंने, नजारों से कहा मैंने ।
उतर आओ जमीं पै तुम, इशारों से कहा मैंने ।।
वो सुनकर बात मेरी ये, लगे हंसने छना छन छन ।
मुझे भी कुछ हंसी दे दो, यही उनसे कहा मैंने।।
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उसकी आंखों के, काजल को चुरा लाया हूं।
उसकी जुल्फों से ,घटाओं को उठा लाया हूं ।।
मिलाके दोनों को, दिल की दवात में मैंने।
लिखी है जो भी ग़ज़ल, लेके चला आया हूं।।
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बेखौफ शायर/ गीतकार/ लेखक/ चिंतक …
डॉ. नरेश “सागर”