“उल्फत”
“उल्फत”
ये शराफत भी बलाओं से होते नहीं कम,
सम्हलकर रहियो कोई आफत न बुला दे।
वो बला वो मुसीबत वो तड़प है ये उल्फत,
जो हँसती हुई जिन्दगी को वाट लगा दे।
“उल्फत”
ये शराफत भी बलाओं से होते नहीं कम,
सम्हलकर रहियो कोई आफत न बुला दे।
वो बला वो मुसीबत वो तड़प है ये उल्फत,
जो हँसती हुई जिन्दगी को वाट लगा दे।