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25 Mar 2021 · 1 min read

उम्र छिपाने में क्या रखा है

**उमर छिपाने में क्या रखा**
***********************

उमर छुपाने में क्या रखा है,
तुजर्बा घुट घुट छिपा रखा है।

सफेद बाल शौकिया ही नहीं,
घाट का पानी पिला रखा है।

ठोकरें दर दर की खाई हैं,
यूँ ही नहीं रंग करा रखा है।

तन से पसीना बहाते रहे,
नीर से नहीं नहला रखा है।

जिंदगी बीती सीखते हुए,
घोट कर जाम पिला रखा है।

अंजाने शहर में तुम्हारे हुए,
तुम्हें ही दिल मे समा रखा है।

नजर जो कभी उठती ही नहीं,
निज नजरों में गिरा रखा है।

चेहरा लगता फीका फीका,
रंग नूर का हमने उड़ा रखा है।

मनसीरत कोई शिकवा नहीं,
शिकायतों को भुला रखा है।
***********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
2 Comments · 209 Views
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