उम्मीद जिन्दगी से
यादें उनकी दिल में रखते हैं
सलामती की दुआ हमेशा रखते हैं
डगर हो मुश्किल हौसले बुलंद रखते है
मंजिल मुश्किल , उम्मीद आसान रखते हैं
प्यार बच्चों से माता पिता रखते है
बड़ा हुए बच्चे , अपने से दूर रखते है
हर मुश्किल में दुआ साथ रखते हैं
रहे साथ मौला का , उम्मीद रखते हैं
सिर पर कफन बांधे रखते हैं
जवान देश की , चिंता रखते हैं
जिन्दगी जीने की तमन्ना रखते हैं
हर हालातों में , हौसले रखते हैं
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल