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16 May 2021 · 1 min read

उम्मीद की बरसात

दरार पड़े मैदान, सख्त -खुरदुरे चट्टान
वो सुखा हुआ आदमी घूरता है आसमान
बादल, बूंद, बरसात से कोस दूर पड़ा रेगिस्तान
सावन में लहरा कर बारिस, भादव में रिमझिम -रिमझिम
सब कुछ सुना है उसने, कैसे भीगते हैं गांव के धान
उसके आंखों में बची है बस उम्मीद की बरसात

5 Likes · 7 Comments · 335 Views
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