Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Dec 2024 · 1 min read

उम्मीद का दिया

तूफानों से लड़ता दिया है,
अजब सा जलवा दिखा रहा है।
हवा के झोंकों से पूछ लो तो,
हौसले का किस्सा बता रहा है।

जो जख्म हमको दिए थे दुश्मन,
हमने उन्हें भी भुला दिया है।
अंधेरों से लड़ी हमने हर पल,
उजालों का दीप जला दिया है।
जो सोचते थे हमें गिराना,
हमने उन्हें ये दिखा दिया है।
तूफानों से लड़ता दिया है,
अजब सा जलवा दिखा रहा है।
हवा के झोंकों से पूछ लो तो,
हौसले का किस्सा बता रहा है।

दिया हमारा जो जल रहा है,
वही सदा आज दे रहा है।
हवा की हर चोट बेअसर है,
दिया ये फिर भी चमक रहा है।
तूफान सारे हुए हैं नाकाम,
सच का परचम लहरा रहा है।
तूफानों से लड़ता दिया है,
अजब सा जलवा दिखा रहा है।
हवा के झोंकों से पूछ लो तो,
हौसले का किस्सा बता रहा है।

सूरज जैसा जो तेज़ लाया,
हमने हर अंधकार मिटाया।
राहों में जितने भी थे अंधेरे,
उन्हें उजाले से भर दिखाया।
जो साज़िशें थीं, वो ढह गई हैं,
दुश्मन की दुश्मनी भी मिट गई है।
तूफानों से लड़ता दिया है,
अजब सा जलवा दिखा रहा है।
हवा के झोंकों से पूछ लो तो,
हौसले का किस्सा बता रहा है।*

✍️✍️✍️✍️✍️
👉 महेश ओझा
👉 8707852303
👉 maheshojha24380@gmail.com

42 Views

You may also like these posts

समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
Manisha Manjari
मैं
मैं
Dr.Pratibha Prakash
monalisa
monalisa
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अकेलापन
अकेलापन
लक्ष्मी सिंह
धरती सा धीरज रखो, सूरज जैसा तेज।
धरती सा धीरज रखो, सूरज जैसा तेज।
Suryakant Dwivedi
"ढूँढ़िए"
Dr. Kishan tandon kranti
ये दुनियां दोधारी तलवार।
ये दुनियां दोधारी तलवार।
अनुराग दीक्षित
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
पिता और पुत्र
पिता और पुत्र
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
प्रभु
प्रभु
Dinesh Kumar Gangwar
प्रिय गुंजन,
प्रिय गुंजन,
पूर्वार्थ
वैसे कार्यों को करने से हमेशा परहेज करें जैसा कार्य आप चाहते
वैसे कार्यों को करने से हमेशा परहेज करें जैसा कार्य आप चाहते
Paras Nath Jha
राम का आधुनिक वनवास
राम का आधुनिक वनवास
Harinarayan Tanha
*बदलाव की लहर*
*बदलाव की लहर*
sudhir kumar
विश्वकप-2023
विश्वकप-2023
World Cup-2023 Top story (विश्वकप-2023, भारत)
* जिन्दगी में *
* जिन्दगी में *
surenderpal vaidya
सृष्टि की अभिदृष्टि कैसी?
सृष्टि की अभिदृष्टि कैसी?
AJAY AMITABH SUMAN
प्यारे बादल
प्यारे बादल
विजय कुमार नामदेव
अब जी हुजूरी हम करते नहीं
अब जी हुजूरी हम करते नहीं
gurudeenverma198
जब कभी हमको सोचते होंगे ।
जब कभी हमको सोचते होंगे ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
Kanchan Khanna
आज नहीं तो कल मै जागू
आज नहीं तो कल मै जागू
Buddha Prakash
4914.*पूर्णिका*
4914.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
sp109 खेल खेले जा रहे हैं
sp109 खेल खेले जा रहे हैं
Manoj Shrivastava
अलविदा कह जाओगे जब दुनियां को...
अलविदा कह जाओगे जब दुनियां को...
Ajit Kumar "Karn"
खाने पीने का ध्यान नहीं _ फिर भी कहते बीमार हुए।
खाने पीने का ध्यान नहीं _ फिर भी कहते बीमार हुए।
Rajesh vyas
चंद शब्दों से नारी के विशाल अहमियत
चंद शब्दों से नारी के विशाल अहमियत
manorath maharaj
सुनैना कथा सार छंद
सुनैना कथा सार छंद
guru saxena
कटा के ये पर आसमां ढूंढ़ती है...
कटा के ये पर आसमां ढूंढ़ती है...
Priya Maithil
मित्रता दिवस
मित्रता दिवस
Rambali Mishra
Loading...