उम्मीद का दिया
तूफानों से लड़ता दिया है,
अजब सा जलवा दिखा रहा है।
हवा के झोंकों से पूछ लो तो,
हौसले का किस्सा बता रहा है।
जो जख्म हमको दिए थे दुश्मन,
हमने उन्हें भी भुला दिया है।
अंधेरों से लड़ी हमने हर पल,
उजालों का दीप जला दिया है।
जो सोचते थे हमें गिराना,
हमने उन्हें ये दिखा दिया है।
तूफानों से लड़ता दिया है,
अजब सा जलवा दिखा रहा है।
हवा के झोंकों से पूछ लो तो,
हौसले का किस्सा बता रहा है।
दिया हमारा जो जल रहा है,
वही सदा आज दे रहा है।
हवा की हर चोट बेअसर है,
दिया ये फिर भी चमक रहा है।
तूफान सारे हुए हैं नाकाम,
सच का परचम लहरा रहा है।
तूफानों से लड़ता दिया है,
अजब सा जलवा दिखा रहा है।
हवा के झोंकों से पूछ लो तो,
हौसले का किस्सा बता रहा है।
सूरज जैसा जो तेज़ लाया,
हमने हर अंधकार मिटाया।
राहों में जितने भी थे अंधेरे,
उन्हें उजाले से भर दिखाया।
जो साज़िशें थीं, वो ढह गई हैं,
दुश्मन की दुश्मनी भी मिट गई है।
तूफानों से लड़ता दिया है,
अजब सा जलवा दिखा रहा है।
हवा के झोंकों से पूछ लो तो,
हौसले का किस्सा बता रहा है।*
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👉 महेश ओझा
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