उम्मीदें
उम्मीदें
कभी मरती है क्या?
एक डोर बंधी है विश्वास की
दिलों में, रिश्तों में भी
जो टूटती नहीं झंझावतों में भी
खींचती है एक दूसरे की ओर
अनन्त काल तक
क्योंकि
उम्मीदें कभी मरती नहीं।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
उम्मीदें
कभी मरती है क्या?
एक डोर बंधी है विश्वास की
दिलों में, रिश्तों में भी
जो टूटती नहीं झंझावतों में भी
खींचती है एक दूसरे की ओर
अनन्त काल तक
क्योंकि
उम्मीदें कभी मरती नहीं।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति