Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2024 · 1 min read

उन लम्हों को..

कैसे भूल जाऊँ
उस लम्हे को
जब तुम ने सर रख कर
मेरे कांधे पर जन्मों जन्म
साथ रहने का वायदा किया था,
मेरी आँखों में
डाल कर अपनी आँखे
कसमें खायीं थी…
कैसे भूल जाऊँ
मैं उस लम्हे को भी
जिसमें तुमने भुला दिया था
हर कसम हर वायदे को
भुला दिया था,
मेरी बेपनाह चाहत को
और अपने गुरूर की आंच में
छोड दिया था
तुमने मुझे लम्हा लम्हा
जलने को
कैसे भूल जाऊँ मैं…..

हिमांशु Kulshrestha

Language: Hindi
46 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हे प्रभु !
हे प्रभु !
Shubham Pandey (S P)
वसीयत
वसीयत
MEENU SHARMA
शिल्प के आदिदेव विश्वकर्मा भगवान
शिल्प के आदिदेव विश्वकर्मा भगवान
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
इक बार वही फिर बारिश हो
इक बार वही फिर बारिश हो
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
हम भारत के वीर प्रवर हैं, भारत नया बनायेंगे ।
हम भारत के वीर प्रवर हैं, भारत नया बनायेंगे ।
अनुराग दीक्षित
প্রশ্ন
প্রশ্ন
Arghyadeep Chakraborty
प्रथम किरण नव वर्ष की।
प्रथम किरण नव वर्ष की।
Vedha Singh
बारिश पर तीन कविताएं /©मुसाफिर बैठा
बारिश पर तीन कविताएं /©मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
9) खबर है इनकार तेरा
9) खबर है इनकार तेरा
पूनम झा 'प्रथमा'
दुख होला झगरा कइला से
दुख होला झगरा कइला से
आकाश महेशपुरी
“अशान्त मन ,
“अशान्त मन ,
Neeraj kumar Soni
ये ज़िंदगी भी ज़रुरतों से चला करती है,
ये ज़िंदगी भी ज़रुरतों से चला करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
2438.पूर्णिका
2438.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Cherishing my land
Cherishing my land
Ankita Patel
पीयूष गोयल में १७ पुस्तकें लिख कर रच दिया इतिहास.
पीयूष गोयल में १७ पुस्तकें लिख कर रच दिया इतिहास.
Piyush Goel
" अकाल्पनिक मनोस्थिति "
Dr Meenu Poonia
संबंध
संबंध
Shashi Mahajan
ख़ौफ़ इनसे कभी नहीं खाना ,
ख़ौफ़ इनसे कभी नहीं खाना ,
Dr fauzia Naseem shad
नव वर्ष के आगमन पर याद तुम्हारी आती रही
नव वर्ष के आगमन पर याद तुम्हारी आती रही
C S Santoshi
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
प्रेम अंधा होता है मां बाप नहीं
प्रेम अंधा होता है मां बाप नहीं
Manoj Mahato
नन्ही
नन्ही
*प्रणय*
महिलाओं की बात ही कुछ और है
महिलाओं की बात ही कुछ और है
Sarla Mehta
तिरछी गर्दन - व्यंग्य
तिरछी गर्दन - व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"रहनुमा"
Dr. Kishan tandon kranti
माया
माया
pradeep nagarwal24
समय का आभाव है
समय का आभाव है
अमित कुमार
डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे लड़ा प्रथम चुनाव
डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे लड़ा प्रथम चुनाव
कवि रमेशराज
देखो तो सही
देखो तो सही
Dr. Bharati Varma Bourai
Loading...