Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Sep 2022 · 1 min read

उनकी यादें

विचलित कर देती है उनकी यादें कभी मुझको।
नींद उड़ा कर ले जाती है,सोने नहीं देती मुझको।।

पता नहीं लग पाता है,कहां ले जाती है मुझको।
करवटें बदलती हूं सलवटे ही दिखती हैं मुझको।।

शाम से ही आने लगती है उनकी यादें मुझको।
खोलने द्वार जाती हूं,आहट जब होती मुझको।।

कब यादों का मिलन होगा पता नहीं मुझको।
अगर मिलन नहीं हुआ तो दुख होगा मुझको।।

दिल मसोस कर रह जाती मै जब यादे आती मझको।
कैसे समझाऊं इस दिल को बताओ तो कोई मुझको।।

उनकी यादें रहेगी जब तक तब तक रुलाएगी मुझको।
सबर का बांध टूट रहा है कोई दिलासा दे तो मुझको।।

घिरती है घनघोर घटाएं जब उनकी यादें सताती हैं मुझको
सावन के महीने में तो यादे झकझोर कर देती हैं मुझको।

लिखता है रस्तोगी जब किसी की यादों को कलम से।
डूब जाता वह भी,किसी की यादों में कहता धरम से।।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 279 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
सर्द रातें
सर्द रातें
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
अदाकारियां
अदाकारियां
Surinder blackpen
प्रिये
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुक्तक
मुक्तक
Sonam Puneet Dubey
भूलने दें
भूलने दें
Dr.sima
New Love
New Love
Vedha Singh
"पुरे दिन का सफर कर ,रवि चला अपने घर ,
Neeraj kumar Soni
पाश्चात्यता की होड़
पाश्चात्यता की होड़
Mukesh Kumar Sonkar
आत्मशुद्धि या आत्मशक्ति
आत्मशुद्धि या आत्मशक्ति
©️ दामिनी नारायण सिंह
चप्पलें
चप्पलें
Kanchan Khanna
अहसास
अहसास
Sangeeta Beniwal
सरस्वती वंदना-3
सरस्वती वंदना-3
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
14--- 🌸अस्तित्व का संकट 🌸
14--- 🌸अस्तित्व का संकट 🌸
Mahima shukla
माॅं
माॅं
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
चर्बी लगे कारतूसों के कारण नहीं हुई 1857 की क्रान्ति
चर्बी लगे कारतूसों के कारण नहीं हुई 1857 की क्रान्ति
कवि रमेशराज
#विश्व_वृद्धजन_दिवस_पर_आदरांजलि
#विश्व_वृद्धजन_दिवस_पर_आदरांजलि
*प्रणय*
भाईदूज
भाईदूज
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
4498.*पूर्णिका*
4498.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरे दुःख -
मेरे दुःख -
पूर्वार्थ
*कौन है ये अबोध बालक*
*कौन है ये अबोध बालक*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"नदी की सिसकियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
चाहे हो शह मात परिंदे..!
चाहे हो शह मात परिंदे..!
पंकज परिंदा
#गहिरो_संदेश (#नेपाली_लघुकथा)
#गहिरो_संदेश (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
बेशक ! बसंत आने की, खुशी मनाया जाए
बेशक ! बसंत आने की, खुशी मनाया जाए
Keshav kishor Kumar
आ जाती हो याद तुम मुझको
आ जाती हो याद तुम मुझको
gurudeenverma198
एक कोर्ट में देखा मैंने बड़ी हुई थी भीड़,
एक कोर्ट में देखा मैंने बड़ी हुई थी भीड़,
AJAY AMITABH SUMAN
है प्रीत बिना  जीवन  का मोल  कहाँ देखो,
है प्रीत बिना जीवन का मोल कहाँ देखो,
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
जिसनै खोया होगा
जिसनै खोया होगा
MSW Sunil SainiCENA
Loading...