उधार की महिमा।
चड्डी उधार की बनियान उधार की । कैसे बात करूं अब प्यार की।खाना उधार का पीना उधार का। चूड़ी उधार की कगंना उधार का। बिंदिया उधार की , कैसे बात करूं अब श्रागार की। हंसी उधार की खुशियां छिन गई है परिवार की। कैसे बात करूं अब प्यार की। उधार की महिमा है न्यारी है। कैसे बात करूं अब प्यार की।गरीब भी उधार है,अमीर भी उधार है
हालत देखो परिवार की। कैसे बात करूं अब प्यार की।
विकास का पहिया चले न। उधार बना शक्ति कोई काम बने न।जा कर हालत देखो सरकार की । कैसे बात करूं अब प्यार की।