उड़ परिंदे
उड़ता है तू उड़ परिंदे
रुकने का ना नाम ले
जाना हैं तुम्हें उस पार
पहले दूंरी अपनी नाप ले
देखना है तो आगे देख
पिछे तेरी खाई है
ड़र लगता है फिर भी तुमको
खुद को खुद से दुहाई है
खड़तर बना है रास्ता तेरा
रगड़ने का खुद को प्रयास दे
आए कभी आंखों में आंसू
थोड़ा दरीया समुंदर का बहने दे
हैं तेरी मंजिल जो भी
उस को कभी ना भूलने दे
मिल जायेंगे रास्तें हजारों
बस कोशिश करना ना छोड़ दे
मिलती है सजा यहाँ तो
बहते पानी को भी रुक ने की
उम्मीदों पर चले ना दुनिया
हौसले रख तू कुछ पाने की