उड़ गया दिल वहां से
उड़ गया दिल वहां से
जिस डालीं पर वो बैठा था
बना लिया नया बसेरा
ख़ामोशी से चला गया
भूल गया उस डाली को
जिस पर कभी वो मरता था
ना कहने के बावजूद भी
प्यार उसी से करता था
भर गया था क्या जी उसका
जो बेरहमी से ठुकरा दिया
बुरा है क्या दिल लगाना
जो मासूम को ये जता दिया