उड़ता पंजाब
सिखों के दस महान गुरुओं की भूमि ,
उनके त्याग और बलिदान की भूमि ,
हो रही पथरीली ,शुष्क और कांटो भरी ,
जिसमें उग रहे है अब खरपतवार ।
ऐसे खरपतवार ,जिन्हें ना देश से वास्ता ,
और नही परिवार और समाज से कोई वास्ता।
पकड़ा है जिन्होंने अपने लिए बर्बादी का रास्ता।
या तो यह विदेश की राह पर जाएं,
या तरह तरह के मादक नशे की राह पर जाएं,
और या पकड़ें हिंसा और आतंकवाद की राह ।
बाप दादा की मेहनत की कमाई पर ऐश करें ,
नहीं इन्हें होती आत्मनिर्भर बनने की चाह ।
नशा खोरी में लिप्त है ,
आम जनता नेता क्या अभिनेता,क्या कलाकार ,
अपने फर्ज और जिम्मेदारियां भुला कर ,
घूम रहे हैं दीवाने बनकर ।
जल्दी अमीर बनने की चाह में ,
करें यह विभिन्न अनैतिक काम ।
झूठा दिखावा, झूठी शान शौकत ,
चाहे कुछ भी भुगतना पड़े अंजाम ।
पंजाब उड़ तो रहा है मगर कैसे?
विकास ,खुशहाली और अमन के आकाश पर नहीं ।
बर्बादी और मौत की आंधियों पर ऐसे।
और यह सिलसिला कहां खत्म होगा ,मालूम नहीं ।
आई नई सरकार ,मगर वोह भी निकम्मी निकली ,
नहीं थाम सकी इस नशाखोर पंजाब की उड़ती डोर।
झूठे निकले सारे वायदे और कसमें झूठी निकली ,
इनकी मक्कारी और बईमानी का ना कोई ओर न छोर।
अब भगवान ही बचाए हमारे पंजाब को ।
करे इसके भयानक रोगों का उपचार ।
भेजें यहां कोई योगी सा शक्तिशाली शासक ,
जिसमें जो सूझबूझ और हिम्मत बेशुमार ।