*उठा जो देह में जादू, समझ लो आई होली है (मुक्तक)*
उठा जो देह में जादू, समझ लो आई होली है (मुक्तक)
_________________________
हृदय की तेज धड़कन, वायु से करती ठिठोली है
मधुप ने पुष्प से करने, नई मैत्री टटोली है
सभी के गाल की रंगत, गुलाबी-लाल दिखती है
उठे जब देह में जादू, समझ लो आई होली है
————————————
मधुप = भौंरा
_______________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451