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26 Jun 2022 · 1 min read

ईश्वर की परछाई

बच्चे होते इरादेवान
इनका मन होता पाक
जैसे परिक्षेत्र में रहते
ये बालसुलभ से बच्चे
बड़े होने पर वो वैसे ही
स्वाभाविक बन जाते हैं
वत्स को उत्तम परिधि में
रखना एवं उत्तम वार्ता ही
सतत सिखलानी चाहिए
जो देखते, सीखते हैं वो
जैसे परिवेश में रहते यह
वैसा उनका बनना तय है ।

बच्चे होते प्यारे, न्यारे
उनका यह मृदुल हृदय
होता वृहत ही ब- पवित्र
उनकी बोली हुई वाणी में
होती कितनी है मिठास ?
ये प्रसव, फलप्रद तो होते
ईश्वर की परछाई भव में
कहा जाता कई मनुष्यों
पंडितों के द्वारा अर्भों मे
करता ईश्वर पद, निषेवण
जैसा मोहौल में पलते ये
वैसा ही आकर पाते यह ।

अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार

Language: Hindi
2 Likes · 347 Views
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