ईश्वर का वरदान “माँ”
ईश्वर का वरदान “माँ”
मातु हैं ईश्वर का वरदान ………..
मातु कृपा बिन नहीं मिलेंगे तुमको कान्हा राम l
मातु हैं ईश्वर का वरदान l
वो खुद गीले में सोंयी, रातभर जाग के रोयी,
बताओ दुनिया वालोँ, क्या है माँ जैसा कोईl
वो पहले तुझे खिलाती, है बचता तो ही खाती,
नैन भीगे हों तो भी, लोरियाँ तुझे सुनाती ll
ईश्वर से भी ऊँचा जग में है माता का नाम – l
मातु है ईश्वर का वरदान ……
मातु हैं ईश्वर का वरदान l
सभी सुख त्याग दिया है, तुझे आबाद किया है
और बदले में तुझसे, नहीं कुछ कभी लिया हैं l
न माँ को कभी रुलाना, कभी ना उन्हें भुलाना,
किया कुछ माँ के लिए तो, शोर न कभी मचाना ll
जीवन सुखमय जीना हो तो कर माँ का गुणगान – l
मातु है ईश्वर का वरदान ……
मातु हैं ईश्वर का वरदान l
!! समाप्त !!
लेखक:-
दीपक कुमार त्रिपाठी
ठाणे (महाराष्ट्र)