“ईर्ष्या”
“ईर्ष्या”
ईर्ष्या भी सफलता का एक पैमाना है, क्योंकि इंसान जितना सफल होते जाता है, उसी अनुपात में उनके दुश्मन बढ़ते जाते हैं।
“ईर्ष्या”
ईर्ष्या भी सफलता का एक पैमाना है, क्योंकि इंसान जितना सफल होते जाता है, उसी अनुपात में उनके दुश्मन बढ़ते जाते हैं।