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26 Oct 2022 · 1 min read

ईर्ष्या भाव का त्याग

ईर्ष्या भाव का त्याग
*****************
आइए!
हम भी अपने लिए कुछ करें,
किसी और के लिए नहीं
अपने हित के लिए करें।
बहुत निंदा नफरत कर लिया हमनें
ईर्ष्या, द्वेष भाव मेंं जी लिया हमनें,
क्या खोया, क्या पाया
अच्छे से जान समझ लिया हमने।
अब अपना हृदय परिवर्तन कर लें
ईर्ष्या का भाव त्याग कर दें,
स्वहित के बजाय सर्वहित का
पाठ हम सब पढ़ लें,
एक नया आयाम गढ़ लें।
आज हम सब शपथ लेकर
ईर्ष्या भाव से बहुत दूर हो लें,
जीने का नया मार्ग चुन लें
नव जीवन पथ पर ही आगे बढ़ेंगे
आज ही ये संकल्प कर लें।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.
8115285921
©मौलिक, स्वरचित

Language: Hindi
1 Like · 158 Views
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