आज के समय में शादियां सिर्फ एक दिखावा बन गई हैं। लोग शादी को
****** धनतेरस लक्ष्मी का उपहार ******
हे कृतघ्न मानव!
Vishnu Prasad 'panchotiya'
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सच्चाई के खड़ा पक्ष में, मैं निष्पक्ष नहीं हूँ( मुक्तक)
23/135.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
हर ज़ख्म हमने पाया गुलाब के जैसा,
जिनमें कोई बात होती है ना
वह बचपन के दिन
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
जिंदगी बिलकुल चिड़िया घर जैसी हो गई है।