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15 Jan 2021 · 1 min read

ईमान बोलता है

22 + 1222 + 212 + 122
पैसे के आगे ईमान डोलता है
ये हम नहीं खुद ईमान बोलता है

दिल थाम देखो खूब ये तमाशा
कोई शराफ़त का वज़्न तोलता है

डरता है सच कहने और सुनने वाला
जब आपके कोई भेद खोलता है

अक्सर बताते ईमानदार खुद को
रह रह उन्हीं को ईमाँ टटोलता है

अपराध से जो भी बच गया जहाँ में
ऊपर खुदा उसके पाप तोलता है

3 Likes · 4 Comments · 240 Views
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