ईमान बोलता है
22 + 1222 + 212 + 122
पैसे के आगे ईमान डोलता है
ये हम नहीं खुद ईमान बोलता है
दिल थाम देखो खूब ये तमाशा
कोई शराफ़त का वज़्न तोलता है
डरता है सच कहने और सुनने वाला
जब आपके कोई भेद खोलता है
अक्सर बताते ईमानदार खुद को
रह रह उन्हीं को ईमाँ टटोलता है
अपराध से जो भी बच गया जहाँ में
ऊपर खुदा उसके पाप तोलता है