“इस जगत में”
“इस जगत में”
इस जगत में
कण-कण संजोया मैंने,
दुःखते मन में
प्रीत राग बोया मैंने।
फूलों से सुरभित
काँटों से भी घिरा,
लेकिन सदा ही
अपने को संजोया मैंने।
“इस जगत में”
इस जगत में
कण-कण संजोया मैंने,
दुःखते मन में
प्रीत राग बोया मैंने।
फूलों से सुरभित
काँटों से भी घिरा,
लेकिन सदा ही
अपने को संजोया मैंने।