इश्क़ ~~
तेरे चेहरे पे ऐसा नूर था,
जन्नत को भी तुझ पर गुरूर था।
बेजान भी उठ खड़े हो जाते तुझे देखकर,
तेरी आँखों में कोई जादू तो ज़रूर था।
तेरे होठों पर अजब मुस्कान थी,
जिसे देख मेरा दिल धड़का ज़ोर था।
और तूने मुझे छुआ तो इतना यकीन था,
तुझे भी मुझसे इश्क़ हुआ तो ज़रूर था।
•• ©ऋषि सिंह “गूंज”