इश्क़ का चिराग
हर कदम पर मै सपने सजाता ही जाऊंगा!
जितने भी जख्म दोगे भुलाता ही जाऊंगा!
लगने दो मेरे सर ज़माने भर की तोहमतें!
इल्ज़ाम सब मैं सर पे उठाता ही जाऊंगा!
लोग तो जलायेंगे नफ़रतो के बस चिराग!
मैं तो इश्क़ का चिराग जलाता ही जाऊंगा!
दिल टुटना भी तो बस मुकद्दर का खेल हैं!
मैं सब को मोहब्बत से बुलाता ही जाऊंगा!
-Anoop S
27 Oct 2019