इश्क लगातार तार तार है l
इश्क लगातार तार तार है l
वो हुश्न बड़ी तेज कटार है ll
कई कई पट्टियां चिपकी है l
दिल पर ही वार बार बार है ll
टाँगे घायल कमर टूटी है l
इश्क ना लगे कोई भार है ll
इनकार है साथ इकरार है l
तो तगड़ी तगड़ी तकरार है ll
लैला की राह में बिछा बिछा l
प्यास बड़ा मजनू अवतार है ll
अरविन्द व्यास “प्यास”