इश्क में आजाद कर दिया
चलो आज हमनें तुम्हें इश्क में आजाद कर दिया।
जो तुम्हें मंजूर है,उसे ही कबूल कर लिया।
हमने चाहा है इश्क में तुम्हारा उम्र भर का साथ।
पर तुम्हें यह बात पसंद आए या ना आए
इसलिए खुद को खामोश कर लिया।
देखा था पहली दफा मैंने तुम्हें वीडियो कॉल पर जब
तब तुम्हारी नादानियों और शरारतों ने उस पल
मन में घर कर लिया।
हमें नहीं मालूम था कि ये साथ
उम्र भर के लिए होगा या कुछ पल के लिए
पर जो तुमने कहा उसे ही मैंने कबूल कर लिया।
कभी ये न समझना तुम कि प्यार में तुम्हें
अपना वास्ता देकर खुद के पास रख लूंगा।
पर आशा ये जरूर रखूंगा कि मेरा प्यार
सच्चा होगा तो शायद तुम खुद ही
मेरे पास ठहर जाओगे।
हमने तो सीखा ही नहीं कभी इश्क में
अपने प्यार को कैद करना।
हमनें तो इश्क में उसके खुशी के लिए
उसे भी खुद से आजाद कर दिया।
– डॉ. मुल्ला आदम अली
तिरूपति, आंध्र प्रदेश