*……इम्तहान बाकी है…..*
……इम्तहान बाकी है…..
अभी तो रास्ता शुरू हुआ है,
असली इम्तहान तो बाकी है।
अभी तो समंदर पार किया है,
पूरा आसमान बाकी है।
यह सिर्फ शुरुआत हुई है,
अभी तो असली रास्ता बाकी है !
हिम्मत रख तू कीमत दे इस वक्त को,
क्योकि अभी असली वक्त आना बाकी है,
मंजिल ज़रूर मिलेंगी,
यह उम्मीद की किरण जरूर खिलेंगी ।
हौसला रख तू मेहनत कर,
मंजिल की शमा जरूर पिघलेगी
रूक परिणाम आना अभी बाकी है…..
नौशाबा जिलानी सुरिया