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28 May 2024 · 1 min read

***इतना जरूर कहूँगा ****

दोस्त हूँ आपका, दोस्त बनके रहूँगा
जो आप मुझ से चाहेंगे, वो ही कहूँगा
कष्ट तो जरूर सहूँगा, पर इतना जरूर कहूँगा

इंसानियत के रूप में इंसान बन के रहना
हैवानियत का साथ कभी भी न देना
बन पड़े तो मदद निहत्थों की करना
किसी को जरूरत हो तो पीछे न हटना !!

वफा का बदला बेवफा बन के न देना
खुदा ने बहुत कुछ दिया है वो दूसरों को देना
भाई चारा बना के रखना देश की खातिर
घर के झगडे को फसाद में न बदलना !!

तमाशा तो देखना सब को अच्छा लगता है
पर ऐसा तमाशा न दोस्त कभी करना
जिस में इज्ज़त अपनी भी खत्म हो जाये
दुसरे को दुनिया में कहने का मौका मिल जाये !!

धर्म चाहे जो भी हो किसी का, अपने हाथ नहीं है
पैदा करना और जीवन वापस लेना अपने हाथ नहीं है
जीने का अधिकार सब को है , तो सब को जीने दो
किसी दुसरे की जिन्दगी में खलल देना ,अच्छा नहीं है !!

कवि अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
115 Views
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
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