Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 1 min read

उल्लाला छंद

मन से आखिर जो करे,
कोई भी निज काम को।
मजदूरी पूरी मिले,
संतोषी हर शाम को।।

ताका-झाँकी छोड़ दे,
बहुत बुरी यह बात है।
दिन तो इसमें कट गया,
लेकिन आगे रात है।।

अपनी-अपनी कह रहें,
सुनता आखिर कौन है?
अनपढ़ चिल्लाता सदा,
ज्ञानी देखो मौन है।।

समय विषम होता नहीं,
सदा अभी यह जान लो।
यदि आई है रात तो,
दिन भी होगा मान लो।।

सेवा से मेवा मिले,
मिले मान-सम्मान भी।
सच्ची हो यदि साधना,
मिल जाते भगवान भी।।

खुद से मंथन जो करे,
सच में वह विद्वान है।
सुनता है हर बात को,
चुनता केवल ज्ञान है।।

26 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नर नारी
नर नारी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
श्रम साधक को विश्राम नहीं
श्रम साधक को विश्राम नहीं
संजय कुमार संजू
मुहब्बत सचमें ही थी।
मुहब्बत सचमें ही थी।
Taj Mohammad
ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਦੀਆਂ ਤਿਜਾਰਤਾਂ
ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਦੀਆਂ ਤਿਜਾਰਤਾਂ
Surinder blackpen
श्रृष्टि का आधार!
श्रृष्टि का आधार!
कविता झा ‘गीत’
अब छोड़ दिया है हमने तो
अब छोड़ दिया है हमने तो
gurudeenverma198
नास्तिक
नास्तिक
ओंकार मिश्र
■ होशियार भून रहे हैं। बावले भुनभुना रहे हैं।😊
■ होशियार भून रहे हैं। बावले भुनभुना रहे हैं।😊
*प्रणय प्रभात*
विकल्प
विकल्प
Sanjay ' शून्य'
संवेदना
संवेदना
Neeraj Agarwal
ओ त्याग मुर्ति माँ होती है
ओ त्याग मुर्ति माँ होती है
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
इश्क़ और इंकलाब
इश्क़ और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
सोच की अय्याशीया
सोच की अय्याशीया
Sandeep Pande
#Dr Arun Kumar shastri
#Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अब बहुत हुआ बनवास छोड़कर घर आ जाओ बनवासी।
अब बहुत हुआ बनवास छोड़कर घर आ जाओ बनवासी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*आयु मानव को खाती (कुंडलिया)*
*आयु मानव को खाती (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दुनिया की ज़िंदगी भी
दुनिया की ज़िंदगी भी
shabina. Naaz
पानी जैसा बनो रे मानव
पानी जैसा बनो रे मानव
Neelam Sharma
सरिए से बनाई मोहक कलाकृतियां……..
सरिए से बनाई मोहक कलाकृतियां……..
Nasib Sabharwal
"वक्त"
Dr. Kishan tandon kranti
जब हासिल हो जाए तो सब ख़ाक़ बराबर है
जब हासिल हो जाए तो सब ख़ाक़ बराबर है
Vishal babu (vishu)
तोड़ा है तुमने मुझे
तोड़ा है तुमने मुझे
Madhuyanka Raj
मुलभुत प्रश्न
मुलभुत प्रश्न
Raju Gajbhiye
2447.पूर्णिका
2447.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मैदान-ए-जंग में तेज तलवार है मुसलमान,
मैदान-ए-जंग में तेज तलवार है मुसलमान,
Sahil Ahmad
सब अनहद है
सब अनहद है
Satish Srijan
शिव हैं शोभायमान
शिव हैं शोभायमान
surenderpal vaidya
22)”शुभ नवरात्रि”
22)”शुभ नवरात्रि”
Sapna Arora
The emotional me and my love
The emotional me and my love
Sukoon
दायरों में बँधा जीवन शायद खुल कर साँस भी नहीं ले पाता
दायरों में बँधा जीवन शायद खुल कर साँस भी नहीं ले पाता
Seema Verma
Loading...