Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2020 · 1 min read

इज्जत की गठरी

ले मुझसे इज्जत की गठरी
ये भइया को दे बाबा
युग बीते सदियाँ बीती
मैं ढोते ढोते हार गई
ये इज्जत की गठरी मुझको
कदम कदम पे मार गई
हंसी खा गई खुशी खा गई
बचपन मेरा ढकार गई
युग बीते सदियाँ बीती
मैं ढोते ढोते हार गयी
इस गठरी को मैंने अपने
कदमो में फस जाते देखा
मेरी पेन्सिल मेरी किताबे
मेरा बस्ता खाते देखा
मेरे जीवन की कश्ती ये गठरी
बिच भंवर उतार गई
युग बीते सदियाँ बीती
मैं ढोते ढोते हार गई
किसके साथ थी कहाँ गयी थी
मुझसे पूछे जाती है
होंठो पे अम्मी अब्बा के
डांट कभी बन जाती है
छोड़ मेरे जहन में कितने
अनसुलझे सवाल गयी
युग बीते सदियाँ बीती
मैं ढोते ढोते हार गयी
खुले बाल क्यों छोटी कर
सादी सलवार हो निचा जम्फर
मेरी हर एक पसंद का
करती रोज शिकार गयी
युग बीते सदियाँ बीती
मैं ढोते ढोते हार गई
मेरे अब्बा मुझको शिक्षा दे
खुद दुनिया को समझ सकूँ
दे तालीम मुझको ऐसी
हर उलझन से खुद सुलझ सकूँ
वरना ये जीना क्या जीना
जिंदगी मेरी बेकार गई
युग बीते सदियाँ बीती
मैं ढोते ढोते हार गई
बेचैन भटकती सदियों से
अब चैन से सोऊँगी
तेरी इज्जत की गठरी दुनियां
अब और न ढोउंगी
सिर पे रख शिक्षा की गठरी
जिल्लत की गठरी उतार गई
युग बीते सदियाँ बीती
मैं ढोते ढोते हार गई।

नारी दशा राष्ट्र दशा का प्रतिबिम्ब है।
—ध्यानू

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 470 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#दोहा-
#दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
मरने वालों का तो करते है सब ही खयाल
मरने वालों का तो करते है सब ही खयाल
shabina. Naaz
यादों की सुनवाई होगी
यादों की सुनवाई होगी
Shweta Soni
★गैर★
★गैर★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
जब भी बुलाओ बेझिझक है चली आती।
जब भी बुलाओ बेझिझक है चली आती।
Ahtesham Ahmad
दीवाली शुभकामनाएं
दीवाली शुभकामनाएं
kumar Deepak "Mani"
आइए मोड़ें समय की धार को
आइए मोड़ें समय की धार को
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
3228.*पूर्णिका*
3228.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कू कू करती कोयल
कू कू करती कोयल
Mohan Pandey
अच्छे बच्चे
अच्छे बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्यास
प्यास
sushil sarna
'गुमान' हिंदी ग़ज़ल
'गुमान' हिंदी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अमीरों का देश
अमीरों का देश
Ram Babu Mandal
तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
Awneesh kumar
तेरे इंतज़ार में
तेरे इंतज़ार में
Surinder blackpen
चार कदम चोर से 14 कदम लतखोर से
चार कदम चोर से 14 कदम लतखोर से
शेखर सिंह
सृजन
सृजन
Prakash Chandra
जगन्नाथ रथ यात्रा
जगन्नाथ रथ यात्रा
Pooja Singh
सुख मिलता है अपनेपन से, भरे हुए परिवार में (गीत )
सुख मिलता है अपनेपन से, भरे हुए परिवार में (गीत )
Ravi Prakash
लोगों के अल्फाज़ ,
लोगों के अल्फाज़ ,
Buddha Prakash
आपको डुबाने के लिए दुनियां में,
आपको डुबाने के लिए दुनियां में,
नेताम आर सी
"उजाड़"
Dr. Kishan tandon kranti
अतुल वरदान है हिंदी, सकल सम्मान है हिंदी।
अतुल वरदान है हिंदी, सकल सम्मान है हिंदी।
Neelam Sharma
"चिराग"
Ekta chitrangini
राजस्थान
राजस्थान
Anil chobisa
ग़ज़ल/नज़्म - दस्तूर-ए-दुनिया तो अब ये आम हो गया
ग़ज़ल/नज़्म - दस्तूर-ए-दुनिया तो अब ये आम हो गया
अनिल कुमार
कविता का प्लॉट (शीर्षक शिवपूजन सहाय की कहानी 'कहानी का प्लॉट' के शीर्षक से अनुप्रेरित है)
कविता का प्लॉट (शीर्षक शिवपूजन सहाय की कहानी 'कहानी का प्लॉट' के शीर्षक से अनुप्रेरित है)
Dr MusafiR BaithA
लेकर सांस उधार
लेकर सांस उधार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...