Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Apr 2024 · 1 min read

“उजाड़”

“उजाड़”
सुख शान्ति सुकून रूठ गए
वक्त की रफ्तार से,
रिश्तों के संसार उजड़ रहे
तू-तू मैं-मैं तकरार से।

1 Like · 1 Comment · 21 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🎉🙏
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🎉🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
भटके वन चौदह बरस, त्यागे सिर का ताज
भटके वन चौदह बरस, त्यागे सिर का ताज
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
तुम्हारी याद है और उम्र भर की शाम बाकी है,
तुम्हारी याद है और उम्र भर की शाम बाकी है,
Ankur Rawat
ग़ज़ल/नज़्म/मुक्तक - बिन मौसम की बारिश में नहाना, अच्छा है क्या
ग़ज़ल/नज़्म/मुक्तक - बिन मौसम की बारिश में नहाना, अच्छा है क्या
अनिल कुमार
सहारा...
सहारा...
Naushaba Suriya
कविता जो जीने का मर्म बताये
कविता जो जीने का मर्म बताये
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
लाइब्रेरी के कौने में, एक लड़का उदास बैठा हैं
लाइब्रेरी के कौने में, एक लड़का उदास बैठा हैं
The_dk_poetry
छप्पर की कुटिया बस मकान बन गई, बोल, चाल, भाषा की वही रवानी है
छप्पर की कुटिया बस मकान बन गई, बोल, चाल, भाषा की वही रवानी है
Anand Kumar
ईश्वर के प्रतिरूप
ईश्वर के प्रतिरूप
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
Dr Archana Gupta
चम-चम चमके, गोरी गलिया, मिल खेले, सब सखियाँ
चम-चम चमके, गोरी गलिया, मिल खेले, सब सखियाँ
Er.Navaneet R Shandily
💐प्रेम कौतुक-471💐
💐प्रेम कौतुक-471💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सारी गलतियां ख़ुद करके सीखोगे तो जिंदगी कम पड़ जाएगी, सफलता
सारी गलतियां ख़ुद करके सीखोगे तो जिंदगी कम पड़ जाएगी, सफलता
dks.lhp
चातक तो कहता रहा, बस अम्बर से आस।
चातक तो कहता रहा, बस अम्बर से आस।
Suryakant Dwivedi
...,,,,
...,,,,
शेखर सिंह
ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश होना।
ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश होना।
सत्य कुमार प्रेमी
भारतवर्ष स्वराष्ट्र पूर्ण भूमंडल का उजियारा है
भारतवर्ष स्वराष्ट्र पूर्ण भूमंडल का उजियारा है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मानस हंस छंद
मानस हंस छंद
Subhash Singhai
कुंडलिया छंद की विकास यात्रा
कुंडलिया छंद की विकास यात्रा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कसौटी
कसौटी
Astuti Kumari
*गाता गाथा राम की, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
*गाता गाथा राम की, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
**** बातें दिल की ****
**** बातें दिल की ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कुछ समझ में ही नहीं आता कि मैं अब क्या करूँ ।
कुछ समझ में ही नहीं आता कि मैं अब क्या करूँ ।
Neelam Sharma
बाहर जो दिखती है, वो झूठी शान होती है,
बाहर जो दिखती है, वो झूठी शान होती है,
लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर''
प्रकृति प्रेमी
प्रकृति प्रेमी
Ankita Patel
"जो डर गया, समझो मर गया।"
*Author प्रणय प्रभात*
कलम , रंग और कूची
कलम , रंग और कूची
Dr. Kishan tandon kranti
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
Jyoti Khari
2874.*पूर्णिका*
2874.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किसको दोष दें ?
किसको दोष दें ?
Shyam Sundar Subramanian
Loading...