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17 Sep 2016 · 1 min read

इक दिन हमको जाना होगा

इक दिन हमको जाना होगा
॰ ॰ ॰ ॰ ॰ ॰ ॰
जाने किस दुनिया से आये
किस दुनिया मेँ खो जायेँगे
माना हमको नीँद न आती
इक दिन विल्कुल सो जायेँगे
जो कुछ ये दिखता धरती पर
सब कुछ तो अनजान लगे है
शून्य भरा संसार कि जिससे
ही अपनी पहचान लगे है
रिश्ते-नाते, प्यार-मुहब्बत
ये तो झूठे अफसाने हैँ
धन-दौलत के परदे खोले
तो देखे बस वीराने हैँ
इतने रिश्ते जोड़ लिये पर
इक दिन हमको जाना होगा
मौत भरी ये दुनिया सारी
इसका साथ निभाना होगा
ऐसा लगता जैसे कोई
खेल यहाँ पर खेल रहे हैँ
खेल मगर! जिसके पीछे हम
कितना कितना झेल रहे हैँ
जीवन की ये ठेला गाड़ी
जाने कबसे खीँच रहे हैँ
जैसे आँसू की बूँदोँ से
मरुथल कोई सीँच रहे हैँ

– आकाश महेशपुरी

Language: Hindi
1 Like · 753 Views
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