Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jun 2019 · 1 min read

इंसान छोटा अपराध बड़ा

कुछ ख़बरें ऐसी अख़बारों की आँसू भरके लाती हैं।
पूरे परिवार की मौत का जब भी वो किस्सा सुनाती हैं।।
छोटे-छोटे मासूम बच्चे भी बचपन सूना छोड़ जाते हैं।
तनाव माँ-बाप का होता और कफ़न खुद ओढ़ जाते हैं।।

कूकर्म दुष्कर्म की ख़बरें रोम-रोम खड़ा कर देती हैं।
सच में इंसान को छोटा अपराध को बड़ा कर देती हैं।।
मानसिक विकृति का ये परिणाम है जो तनाव से आती।
संस्कारों की कमी और मानवता का पतन है ये बताती।।

पूरा मोहल्ला अपना था कभी अब परिवार भी न रहा।
सुख-दुख बाँटे जाते थे आपसी वो सरोकार भी न रहा।
रिश्ते-नाते बेमानी लगते हैं स्वार्थ पलता है आजकल।
महत्त्वाकाँक्षी हुआ मानव तनाव चलता है आजकल।।

तनाव में विवेक-शक्ति भी शून्य की राह पकड़ जाती है।
गीदड़ शहर की तरफ भागता है जब मौत आती है।।
चर्चे बड़े हों कमाई कम हो चाहे खर्चे उधार में चलें।
यही सोच सुकून की अंत में फिर है चिता बनके जले।।

परछाई पकड़ने की कोशिश न कर फिसल जाएगा।
अपने ज़मीर से की जंग तूने आत्मा तक हिल जाएगा।।
एक बार छोड़े दिमाग़ के घोड़े तूने खुले तो समझना।
मीलों बेतहासा दौड़ेगा तू चक्कर खाकर गिर जाएगा।।

रिश्ते-नाते जोड़ें बूँद-बूँद से सागर बने इतिहास बने।
पाँचों अँगुली जुड़ें तो मुक्का होने का सच्चा अहसास बने।
एक-दूजे का साथ हिम्मत हौंसला देता क्यों पीछे हटें हम।
एक और एक ग्यारह होकर दोस्ती का राग रटें हम।।

राधेयश्याम बंगालिया “प्रीतम”
————————————-

Language: Hindi
1 Like · 309 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
2982.*पूर्णिका*
2982.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
12, कैसे कैसे इन्सान
12, कैसे कैसे इन्सान
Dr Shweta sood
हम अपनों से न करें उम्मीद ,
हम अपनों से न करें उम्मीद ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
ईश्वर की महिमा...…..….. देवशयनी एकादशी
ईश्वर की महिमा...…..….. देवशयनी एकादशी
Neeraj Agarwal
जिंदगी में अपने मैं होकर चिंतामुक्त मौज करता हूं।
जिंदगी में अपने मैं होकर चिंतामुक्त मौज करता हूं।
Rj Anand Prajapati
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला,
भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला,
Shashi kala vyas
कह कोई ग़ज़ल
कह कोई ग़ज़ल
Shekhar Chandra Mitra
हम बात अपनी सादगी से ही रखें ,शालीनता और शिष्टता कलम में हम
हम बात अपनी सादगी से ही रखें ,शालीनता और शिष्टता कलम में हम
DrLakshman Jha Parimal
मेरे प्रेम की सार्थकता को, सवालों में भटका जाती हैं।
मेरे प्रेम की सार्थकता को, सवालों में भटका जाती हैं।
Manisha Manjari
जिधर भी देखो , हर तरफ़ झमेले ही झमेले है,
जिधर भी देखो , हर तरफ़ झमेले ही झमेले है,
_सुलेखा.
वो एक ही मुलाकात और साथ गुजारे कुछ लम्हें।
वो एक ही मुलाकात और साथ गुजारे कुछ लम्हें।
शिव प्रताप लोधी
क्या अब भी तुम न बोलोगी
क्या अब भी तुम न बोलोगी
Rekha Drolia
एक लड़का,
एक लड़का,
हिमांशु Kulshrestha
नानी की कहानी होती,
नानी की कहानी होती,
Satish Srijan
*सच कहने में सौ-सौ घाटे, नहीं हाथ कुछ आता है (हिंदी गजल)*
*सच कहने में सौ-सौ घाटे, नहीं हाथ कुछ आता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बेटा हिन्द का हूँ
बेटा हिन्द का हूँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुखौटे
मुखौटे
Shaily
"जिंदगी"
नेताम आर सी
* मधुमास *
* मधुमास *
surenderpal vaidya
ध्यान-उपवास-साधना, स्व अवलोकन कार्य।
ध्यान-उपवास-साधना, स्व अवलोकन कार्य।
डॉ.सीमा अग्रवाल
विचारों में मतभेद
विचारों में मतभेद
Dr fauzia Naseem shad
R J Meditation Centre, Darbhanga
R J Meditation Centre, Darbhanga
Ravikesh Jha
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
क्यों तुमने?
क्यों तुमने?
Dr. Meenakshi Sharma
Chalo khud se ye wada karte hai,
Chalo khud se ye wada karte hai,
Sakshi Tripathi
प्रेम अटूट है
प्रेम अटूट है
Dr. Kishan tandon kranti
तुमको सोचकर जवाब दूंगा
तुमको सोचकर जवाब दूंगा
gurudeenverma198
स्मृतियों का सफर (23)
स्मृतियों का सफर (23)
Seema gupta,Alwar
Loading...