Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Apr 2021 · 1 min read

इंसान और श्वान

छंद-चौपाई (माफनीमुक्त)
विषय: इंसान और श्वान

मन का दर्द जुबां पर आया।
दोनों ने मिलकर बतलाया।।
दुनिया की बेशर्मी देखो,
हम दोनों को है ठुकराया।।

दोनों मिलकर दर्द बांटते।
खुले गगन में रात काटते।।
आधी रोटी का टुकड़ा खा,
अपने हिय की आग पाटते।।

कैसा है बेदर्द जमाना।
इक दूजे का दर्द न जाना।।
धन्य धन्य है श्वान प्नान को,
दुखी दरिद्र को अपना माना।।

मानवता से पशुता अच्छी।
निभा रहा मानवता सच्ची।
अनुपम है इनकी यह जोड़ी,
लोग कर रहे माथापच्ची।

Language: Hindi
1 Like · 202 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ये वादियां
ये वादियां
Surinder blackpen
स्वस्थ्य मस्तिष्क में अच्छे विचारों की पूॅजी संकलित रहती है
स्वस्थ्य मस्तिष्क में अच्छे विचारों की पूॅजी संकलित रहती है
Tarun Singh Pawar
💐प्रेम कौतुक-523💐
💐प्रेम कौतुक-523💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सृजन और पीड़ा
सृजन और पीड़ा
Shweta Soni
"The Dance of Joy"
Manisha Manjari
दौड़ी जाती जिंदगी,
दौड़ी जाती जिंदगी,
sushil sarna
#सामयिक_आलेख
#सामयिक_आलेख
*Author प्रणय प्रभात*
डिग्रीया तो बस तालीम के खर्चे की रसीदें है,
डिग्रीया तो बस तालीम के खर्चे की रसीदें है,
Vishal babu (vishu)
*जिंदगी तब तक सही है, देह में उत्साह है (मुक्तक)*
*जिंदगी तब तक सही है, देह में उत्साह है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
कीमतों ने छुआ आसमान
कीमतों ने छुआ आसमान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मिसाल
मिसाल
Kanchan Khanna
डॉ. जसवंतसिंह जनमेजय का प्रतिक्रिया पत्र लेखन कार्य अभूतपूर्व है
डॉ. जसवंतसिंह जनमेजय का प्रतिक्रिया पत्र लेखन कार्य अभूतपूर्व है
आर एस आघात
قفس میں جان جائے گی ہماری
قفس میں جان جائے گی ہماری
Simmy Hasan
माँ के बिना घर आंगन अच्छा नही लगता
माँ के बिना घर आंगन अच्छा नही लगता
Basant Bhagawan Roy
-0 सुविचार 0-
-0 सुविचार 0-
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
विचारों की अधिकता लोगों को शून्य कर देती है
विचारों की अधिकता लोगों को शून्य कर देती है
Amit Pandey
कबूतर
कबूतर
Vedha Singh
माॅं की कशमकश
माॅं की कशमकश
Harminder Kaur
वाह रे जमाना
वाह रे जमाना
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
गुलाब
गुलाब
Satyaveer vaishnav
जय हो कल्याणी माँ 🙏
जय हो कल्याणी माँ 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मजबूर हूँ यह रस्म निभा नहीं पाऊंगा
मजबूर हूँ यह रस्म निभा नहीं पाऊंगा
gurudeenverma198
आप प्रारब्ध वश आपको रावण और बाली जैसे पिता और बड़े भाई मिले
आप प्रारब्ध वश आपको रावण और बाली जैसे पिता और बड़े भाई मिले
Sanjay ' शून्य'
गरीबी में सौन्दर्य है।
गरीबी में सौन्दर्य है।
Acharya Rama Nand Mandal
बंदर मामा
बंदर मामा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अन्तर्मन की विषम वेदना
अन्तर्मन की विषम वेदना
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
जगदीश शर्मा सहज
जिंदगी माना कि तू बड़ी खूबसूरत है ,
जिंदगी माना कि तू बड़ी खूबसूरत है ,
Manju sagar
कुछ लोग रिश्ते में व्यवसायी होते हैं,
कुछ लोग रिश्ते में व्यवसायी होते हैं,
Vindhya Prakash Mishra
सोच
सोच
Neeraj Agarwal
Loading...