इंसानियत
आज का कुछ ऐसा हैं दौर
हर तरफ है बस शोर ,
यू तो गली मौहल्ले है सुनसान
बस सबके दिलो मे मचा है तुफान,
इंसान बस बचा है नियत का कुछ अता पता नही
इंसानियत दिखाओ अभी भी बहुत कुछ बिगडा नही!
– सुरभी
आज का कुछ ऐसा हैं दौर
हर तरफ है बस शोर ,
यू तो गली मौहल्ले है सुनसान
बस सबके दिलो मे मचा है तुफान,
इंसान बस बचा है नियत का कुछ अता पता नही
इंसानियत दिखाओ अभी भी बहुत कुछ बिगडा नही!
– सुरभी