Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jul 2020 · 1 min read

आज़ाद गज़ल

निकल गया है साँप लकीर पीट रहें हैं
मर चुकी है आत्मा शरीर घसीट रहें हैं ।
ज़िंदगी है तो ज़िंदा रहने का हुनर भी
कर हम सब बस उसिको रिपीट रहें हैं ।
कहाँ तकदीर में है सबके लिए मकान
घर किसी के ,फुटपाथ और स्ट्रीट रहें हैं ।
बस तो गई है आबादी बेशुमार शहरों में
दिलो-दिमाग में मगर आज कंक्रीट रहें हैं ।
हैं तरक्कींयाँ नसीबों में उन्हीं नौकरों के
जो भी अपने मालिकों के फ़ेवरीट रहें हैं ।
-अजय प्रसाद

3 Likes · 2 Comments · 167 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
परिवर्तन ही वर्तमान चिरंतन
परिवर्तन ही वर्तमान चिरंतन
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
मौसम
मौसम
surenderpal vaidya
अपवित्र मानसिकता से परे,
अपवित्र मानसिकता से परे,
शेखर सिंह
रहमत थी हर जान ,,,
रहमत थी हर जान ,,,
Kshma Urmila
लौट कर फिर से
लौट कर फिर से
Dr fauzia Naseem shad
शोकहर छंद विधान (शुभांगी)
शोकहर छंद विधान (शुभांगी)
Subhash Singhai
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १)
Kanchan Khanna
बारिश की बूंदे
बारिश की बूंदे
Praveen Sain
कलियुग में सतयुगी वचन लगभग अप्रासंगिक होते हैं।
कलियुग में सतयुगी वचन लगभग अप्रासंगिक होते हैं।
*प्रणय प्रभात*
*अन्नप्राशन संस्कार और मुंडन संस्कार*
*अन्नप्राशन संस्कार और मुंडन संस्कार*
Ravi Prakash
इश्क की राहों में इक दिन तो गुज़र कर देखिए।
इश्क की राहों में इक दिन तो गुज़र कर देखिए।
सत्य कुमार प्रेमी
लिट्टी छोला
लिट्टी छोला
आकाश महेशपुरी
बेख़बर
बेख़बर
Shyam Sundar Subramanian
"बस्तर शिल्प कला"
Dr. Kishan tandon kranti
"आँगन की तुलसी"
Ekta chitrangini
2601.पूर्णिका
2601.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आँखों में अँधियारा छाया...
आँखों में अँधियारा छाया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मनमाने तरीके से रिचार्ज के दाम बढ़ा देते हैं
मनमाने तरीके से रिचार्ज के दाम बढ़ा देते हैं
Sonam Puneet Dubey
कुण्डलिया छंद
कुण्डलिया छंद
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर  स्वत कम ह
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर स्वत कम ह
पूर्वार्थ
भयंकर शायरी
भयंकर शायरी
Rituraj shivem verma
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
Johnny Ahmed 'क़ैस'
बगुले तटिनी तीर से,
बगुले तटिनी तीर से,
sushil sarna
खुशामद की राह छोड़कर,
खुशामद की राह छोड़कर,
Ajit Kumar "Karn"
नर नारी
नर नारी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
तेरे दिल की हर बात जुबां से सुनाता में रहा ।
तेरे दिल की हर बात जुबां से सुनाता में रहा ।
Phool gufran
भारत के जोगी मोदी ने --
भारत के जोगी मोदी ने --
Seema Garg
धरा प्रकृति माता का रूप
धरा प्रकृति माता का रूप
Buddha Prakash
"In the tranquil embrace of the night,
Manisha Manjari
आत्मस्वरुप
आत्मस्वरुप
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
Loading...