आज़ाद गज़ल
आदमी को ओहदे से पहचानता है
यही तो दोस्तों उसकी महानता है।
चुकता नहीं कभी भी चापलूसी से
मौके का फायदा उठाना जानता है।
हरफनमौला है शख्सियत उसकी
वक्त मुताबिक गर ढलना जानता है।
क्या देगा कोई दगा उस शख्स को
खुद को संभालना जो जानता है ।
अंधेरे कुछ नहीं बिगाड़ सकते तेरा
अंदर से तू अजय जलना जानता है
-अजय प्रसाद