Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2020 · 1 min read

आज़ाद गज़ल

बस इक दुआ कबूल हो जाए
फ़िर चाहे सब फिजूल हो जाए ।

जो ढा रहे हैं ज़ुल्म मजलूमों पर
ज़िंदगी उन की बबूल हो जाए ।

मदद न सही ,तो मक्कारी भी नहीं
अमीरों का बस ये उसूल हो जाए।

भटक रहे हैं लोग बदहवास जहां में
या खुदा और एक रसूल हो जाए

मूंद लूँ मैं आँखें इत्मीनान के साथ
गर मेरी ये इल्तिज़ा कबूल हो जाए
– अजय प्रसाद

4 Likes · 2 Comments · 243 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
पारिजात छंद
पारिजात छंद
Neelam Sharma
बाढ़
बाढ़
Dr.Pratibha Prakash
मुफ्तखोरी
मुफ्तखोरी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
रे मन
रे मन
Dr. Meenakshi Sharma
■ एक_और_बरसी...
■ एक_और_बरसी...
*Author प्रणय प्रभात*
चिंतन और अनुप्रिया
चिंतन और अनुप्रिया
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
24/231. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/231. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुदरत के रंग....एक सच
कुदरत के रंग....एक सच
Neeraj Agarwal
राममय दोहे
राममय दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
क्षणिकाएँ. .
क्षणिकाएँ. .
sushil sarna
धुंधली यादो के वो सारे दर्द को
धुंधली यादो के वो सारे दर्द को
'अशांत' शेखर
शीर्षक : पायजामा (लघुकथा)
शीर्षक : पायजामा (लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जिंदगी है बहुत अनमोल
जिंदगी है बहुत अनमोल
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
मेरा आंगन
मेरा आंगन
Vishnu Prasad 'panchotiya'
बेटी और प्रकृति, ईश्वर की अद्भुत कलाकृति।
बेटी और प्रकृति, ईश्वर की अद्भुत कलाकृति।
लक्ष्मी सिंह
"बतंगड़"
Dr. Kishan tandon kranti
माँ शारदे-लीला
माँ शारदे-लीला
Kanchan Khanna
*भागे दुनिया हर कहीं, गली देस परदेस (कुंडलिया)*
*भागे दुनिया हर कहीं, गली देस परदेस (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बेटियां
बेटियां
Ram Krishan Rastogi
"गमलों में पौधे लगाते हैं,पेड़ नहीं".…. पौधों को हमेशा अतिरि
पूर्वार्थ
* सत्य,
* सत्य,"मीठा या कड़वा" *
मनोज कर्ण
सरस्वती वंदना-2
सरस्वती वंदना-2
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
गुरु मांत है गुरु पिता है गुरु गुरु सर्वे गुरु
गुरु मांत है गुरु पिता है गुरु गुरु सर्वे गुरु
प्रेमदास वसु सुरेखा
गुलाब
गुलाब
Prof Neelam Sangwan
दिन को रात और रात को दिन बना देंगे।
दिन को रात और रात को दिन बना देंगे।
Phool gufran
ज़िंदगी को
ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
मुक्तक
मुक्तक
कृष्णकांत गुर्जर
बिहार एवं झारखण्ड के दलक कवियों में विगलित दलित व आदिवासी-चेतना / मुसाफ़िर बैठा
बिहार एवं झारखण्ड के दलक कवियों में विगलित दलित व आदिवासी-चेतना / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
Loading...