Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Sep 2021 · 1 min read

आस बिखर रहे

कलयुग की इस भाग दौड़ में,
आधुनिकता की पड़ी होड़ में,
जीवन का मूल्य न देखे कोई,
बस आय नोटों के शिखर रहे।

स्वस्थ सुंदर और सुघर काया,
नहीं रही अब दीर्घायू माया,
लेप दिख रहा तन पर सुन्दर,
हैं मानव ये कैसे निखर रहे।

छोड़ सभी रिस्ते नाते अब,
नग्न धुन पर अब गाते सब,
संस्कृति देखो कॉप रही है,
मानव को नहीं फिकर रहे।

रोती है धरा वृक्ष कटने से,
अम्बर रोये भाई बँटने से,
मानवता पर विपदा छाई,
आस हर पल बिखर रहे।

Language: Hindi
208 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अनघड़ व्यंग
अनघड़ व्यंग
DR ARUN KUMAR SHASTRI
स्त्री मन
स्त्री मन
Vibha Jain
होगी तुमको बहुत मुश्किल
होगी तुमको बहुत मुश्किल
gurudeenverma198
बहरों तक के कान खड़े हैं,
बहरों तक के कान खड़े हैं,
*प्रणय प्रभात*
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
क्या तुम नहीं जानते
क्या तुम नहीं जानते
BINDESH KUMAR JHA
February 14th – a Black Day etched in our collective memory,
February 14th – a Black Day etched in our collective memory,
पूर्वार्थ
आज इस सूने हृदय में....
आज इस सूने हृदय में....
डॉ.सीमा अग्रवाल
देवो रुष्टे गुरुस्त्राता गुरु रुष्टे न कश्चन:।गुरुस्त्राता ग
देवो रुष्टे गुरुस्त्राता गुरु रुष्टे न कश्चन:।गुरुस्त्राता ग
Shashi kala vyas
तितली
तितली
Manu Vashistha
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है " रवि " समय की रफ्तार मेँ हर कोई गिरफ्तार है
Sahil Ahmad
नये साल में
नये साल में
Mahetaru madhukar
आंगन महक उठा
आंगन महक उठा
Harminder Kaur
ज़िंदगी को अगर स्मूथली चलाना हो तो चु...या...पा में संलिप्त
ज़िंदगी को अगर स्मूथली चलाना हो तो चु...या...पा में संलिप्त
Dr MusafiR BaithA
ताउम्र जलता रहा मैं तिरे वफ़ाओं के चराग़ में,
ताउम्र जलता रहा मैं तिरे वफ़ाओं के चराग़ में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आदमी की गाथा
आदमी की गाथा
कृष्ण मलिक अम्बाला
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
Pramila sultan
बुदबुदा कर तो देखो
बुदबुदा कर तो देखो
Mahender Singh
हॅंसी
हॅंसी
Paras Nath Jha
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मेरे कुछ मुक्तक
मेरे कुछ मुक्तक
Sushila joshi
2556.पूर्णिका
2556.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पढो वरना अनपढ कहलाओगे
पढो वरना अनपढ कहलाओगे
Vindhya Prakash Mishra
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर (व्यंग्य कहानी)
पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
* आओ ध्यान करें *
* आओ ध्यान करें *
surenderpal vaidya
“छोटा उस्ताद ” ( सैनिक संस्मरण )
“छोटा उस्ताद ” ( सैनिक संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
सुन मेरे बच्चे
सुन मेरे बच्चे
Sangeeta Beniwal
Wakt ke pahredar
Wakt ke pahredar
Sakshi Tripathi
"नश्वर"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...