आस्मां से ज़मीं तक मुहब्बत रहे
1)आस्मां से ज़मीं तक मुहोबत रहे
ए ख़ुदा सब पे तेरी इनायत रहे
2)आपका हर सितम हंस के सह लेंगे हम
कुछ तो हो दरमियाॅं चाहे नफ़रत रहे
3)आए तूफां कोई छू न पाए हमें
आशियां ये हमारा सलामत रहे
4)सिलसिला उल्फ़तों का चले इस तरह
उम्र भर साथ जीने की चाहत रहे
5)मेरी सांसों में बस इक तेरा नाम हो
इश्क़ जब तक रहे ये रिवायत रहे
6)रूठना और मनाना रहे हमसफ़र
आपसे ही वफ़ा और शिक़ायत रहे
7)इस तरह मंतशा पास आ जाइये
आख़िरी सांस तक ये ज़रूरत रहे
🌹मोनिका मंतशा🌹