*आसमान से आग बरसती【बाल कविता/हिंदी गजल/गीतिका 】*
आसमान से आग बरसती【बाल कविता/हिंदी गजल/गीतिका 】
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(1)
आसमान से आग बरसती
सड़क-गली हर घर में बसती
(2)
गरमी का मौसम है भइया
दोपहरी रहती है कसती
(3)
कब जाओगी गर्मी-रानी
पूछो तो चुप रहती हँसती
(4)
जब तक सूरज नहीं डूबता
तब तक रहती धरा झुलसती
(5)
लू के दिन-भर चले थपेड़े
गरम हवा आँखों में धँसती
(6)
क्या दिन थे वह शुरू जनवरी
आँखें उसको रहीं तरसती
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451