आषाढी सावन
आषाढी सावन हुआ, बर्षा का है लोप।
गर्मी से बेचैन सब,सूखे का है कोप।
सूखे का है कोप, ग्रसित सब थलचर नभचर।
सूखे सारे पात, हुए तरुवर सब पतझर।
दिखता बहुत सुदूर,अभी मौसम मनभावन।
कहै अटल कविराय, हुआ आषाढी सावन। ।
आषाढी सावन हुआ, बर्षा का है लोप।
गर्मी से बेचैन सब,सूखे का है कोप।
सूखे का है कोप, ग्रसित सब थलचर नभचर।
सूखे सारे पात, हुए तरुवर सब पतझर।
दिखता बहुत सुदूर,अभी मौसम मनभावन।
कहै अटल कविराय, हुआ आषाढी सावन। ।