आराधना
माँ अम्बे करूँ तेरी आराधना,
तेरी भक्ति मिले है मेरी कामना।
माँ अम्बे….!
अपने चरणों में मुझको जगह देना माँ,
ज्ञानज्योति हृदय में जला देना माँ।
मन में श्रद्धा हो, भक्ति हो, विश्वास हो,
मैं जहाँ भी रहूँ तुम मेरे साथ हो।
और तेरे सिवा मन में हो कोई न।
तेरी भक्ति मिले…!
मुझपे कर देना मैया तुम इतनी कृपा,
मुस्करा कर बिताऊँ मैं जीवन सदा।
बसी मेरे हृदय में मैया तेरी तस्वीर है,
सौंप दी तुझको अपनी यह तकदीर है।
छोड़ कर दर तेरा अब मैं जाऊँ कहाँ?
तेरी भक्ति मिले…!
चंद शब्दों की माला पिरोई है माँ,
पास मेरे न भेंट और कोई है माँ।
दुनिया की रीत से मैया अन्जान हूँ,
एक बेटी मैया तेरी मैं नादान हूँ।
सिर पे आशीष का हाथ रखना सदा।
तेरी भक्ति मिले…!
रचनाकार :- कंचन खन्ना, मुरादाबाद,
(उ०प्र०, भारत) ।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार) ।
वर्ष : २०१३.