आरती
आरती
आरती अम्बे मैया की अखिल ब्रम्हांड रचैया की ॥
1 मुकुट सिरसोने का सोहे ।
ये निर्मल नैना मन मोहे ।
धनुष सैम तिरछी है भोहे ।
चतुर्थी चंद ,मुकुट के संग ,हसतमंदमंद ॥ अमित छवि भुवन बसैया की ॥आरती
2 श्रवण में कुंडल है प्यारे
नासिका नथुनी रतनारे
ये निर्मल लोचन कजरारे ॥
काले काले बाल, चुनरिया लाल , है नयन बिसाल ॥ अमृत जल बरसैया की ॥आरती
3 . मूर्ती अष्ट भुजा धारी
केहरि बाहन शुभकारी
जगत जननी माँ उपकारी ॥
अम्बिका तुम्ही ,कलिका तुम्ही, चंडिका तुम्ही ॥ जयति जय ज्वाला मैया की आरती अम्बे ॥
4 तुम्ही नवदुर्गा दसविद्धया
करत भक्तन पर सदा दया
मनोबंछित फल की वरदा
बजत मृदंग ,नचत बजरंग ,भैरो बाबा संग ॥ आरती वीणा बजैया की ॥आरती
5 अर्ज मेरी माँ सुन लीजे
दया निधि दया दृष्टि कीजे
माँ अम्बे दर्शन दे दीजे॥
रखो माँ लाज, बनाओ काज ,शरण कवी राज ॥ भवर से नाव खिवैया की ॥आरती