आयी थी याद उनकी
आयी थी याद उनकी
चंद उन दो पल के लिए
फिर मेरा मन उतर आया
भूल गया उन्हें कल के लिए
जा रहा था वो चले गया
फिर जिंदगी में अकेले छोड़कर
जीना तो है ही ना यहाँ
तैयारी पर हूँ अपने कल के लिए
आयी थी याद उनकी
चंद उन दो पल के लिए
आँखों में पानी था
जवानी झुलस रही थी
उम्र तो अभी नाजुक थी
फिर हिम्मत बांध ली
आने वाले कल के लिए
आयी थी याद उनकी
चंद उन दो पल के लिए..
संतोष जोशी
गरुड़ बागेश्वर
(उत्तराखंड)