“आम्रपाली”
“आम्रपाली”
आम्रपाली की असीम सुन्दरता
बन गई अभिशाप,
उसे पाने को वैशाली की प्रजा
हो गई अति बेताब।
बोली-नगरवधू से मुझको अभी
सन्यासिन अंगीकार करें,
हे तथागत बुद्ध, मेरा यह आग्रह
इसी वक्त स्वीकार करें।
“आम्रपाली”
आम्रपाली की असीम सुन्दरता
बन गई अभिशाप,
उसे पाने को वैशाली की प्रजा
हो गई अति बेताब।
बोली-नगरवधू से मुझको अभी
सन्यासिन अंगीकार करें,
हे तथागत बुद्ध, मेरा यह आग्रह
इसी वक्त स्वीकार करें।